Chai Ke Do Cup - छोटी सी प्रेम कहानी

गाँव का ठंडा मौसम था। सुबह की धूप हल्की सी आई ही थी कि स्टेशन पर एक छोटी सी चाय की दुकान पर वो बैठा था — अर्जुन।

हर दिन की तरह उसने दो कप चाय मंगवाई। दुकानदार जानता था — एक कप अर्जुन के लिए, दूसरा उसके इंतज़ार के लिए।

पिछले तीन महीने से वो हर सुबह वहीं बैठा था। वजह? एक लड़की — सिया।

पहली बार उसी स्टेशन पर उनसे मुलाकात हुई थी। बातों-बातों में दोस्ती हो गई और फिर एक दिन, सिया बोली थी —
"अगर किस्मत हुई, तो अगली ट्रेन में फिर मिलेंगे।"

उसके बाद वो नहीं आई। लेकिन अर्जुन ने उम्मीद नहीं छोड़ी।

आज फिर वो बैठा था, दो कप चाय लिए। तभी भीड़ में एक जानी-पहचानी मुस्कान दिखी।

सिया खड़ी थी, हाथ में बैग, आँखों में शर्म।
"एक कप मेरे लिए है?" उसने मुस्कुराकर पूछा।

अर्जुन ने दूसरा कप उसकी ओर बढ़ा दिया।

चाय हल्की मीठी थी, पर उस दिन ज़िंदगी बहुत मीठी लग रही थी।

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