सपनों की उड़ान: एक छोटी सी प्रेरणा
एक छोटे से गाँव में रहता था अनिल, एक ऐसा लड़का जो हमेशा आसमान को निहारता था। उसे हवाई जहाज बहुत पसंद थे, और उसका सपना था कि एक दिन वह पायलट बने। लेकिन गाँव वाले उसका मजाक उड़ाते, कहते, "तू तो खेतों में काम करने वाला है, पायलट कैसे बनेगा?"
अनिल ने हार नहीं मानी। हर दिन स्कूल से लौटकर वह अपने छोटे से कमरे में किताबें पढ़ता। उसने पुरानी साइकिल के पुर्जों से एक छोटा सा हवाई जहाज का मॉडल बनाया और उसे देखकर खुद को प्रेरित करता। रात को चाँदनी में वह अपने सपनों को उड़ान देता।
एक दिन, गाँव में एक NGO आया, जो बच्चों को स्कॉलरशिप दे रहा था। अनिल ने हिम्मत जुटाई और अपनी बात रखी। उसकी मेहनत और लगन देखकर उन्हें यकीन हो गया कि यह लड़का कुछ बड़ा कर सकता है। अनिल को स्कॉलरशिप मिली, और उस中原
वह शहर गया, पढ़ाई की, और अपनी मेहनत से पायलट बनने का सपना पूरा किया। जब वह पहली बार अपने गाँव के ऊपर से हवाई जहाज उड़ाकर लौटा, तो गाँव वालों की आँखें खुशी से भर आईं। अनिल ने साबित कर दिया कि अगर सपने बड़े हों और मेहनत सच्ची हो, तो आसमान भी छूआ जा सकता है।
सबक: अपने सपनों पर भरोसा रखो, मेहनत करो, और कभी हार मत मानो।
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