प्रकृति की गोद में: दिल से निकली 30 सच्ची बातें |

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  1. सुबह-सुबह खेतों में ओस की बूँदें देखी हैं? लगता है जैसे धरती माँ ने अपने बच्चों को प्यार से जगाया हो।

  2. पेड़ कोई शिकायत नहीं करते, बस हर मौसम में तुम्हारे साथ खड़े रहते हैं। क्या इंसान ऐसा कर पाते हैं?

  3. बारिश की पहली बूंद जब मिट्टी को छूती है, तब खुशबू नहीं आती... माँ की याद आती है।

  4. हवा का वो झोंका जो गर्मी में चेहरे को छू जाए, वो किसी महबूब के हाथ से कम नहीं लगता।

  5. शाम के वक्त जब सूरज पहाड़ों के पीछे छिपता है, ऐसा लगता है जैसे कोई थका पिता घर लौट रहा हो।

  6. नदी बहती रहती है – कोई रोक नहीं पाता, जैसे मां की ममता… जो बस बहती रहती है।

  7. गांव की वो कच्ची सड़कें, जहां पेड़ छांव देते हैं – वो शहरी एसी से लाख गुना सुकून देती हैं।

  8. चिड़ियों की चहचहाहट... सुबह की आरती जैसी लगती है – बिना घंटी, बिना पूजा।

  9. अगर दिल बहुत भारी लगे, तो किसी पुराने पेड़ के नीचे बैठ के देखो… वो तुम्हारे दुख चुपचाप पी जाएगा।

  10. झरनों की आवाज़ में सुकून है – जैसे दादी कोई कहानी सुना रही हो।

  11. धरती अगर माँ है, तो पेड़ उसके आंचल के कोने हैं – छांव वाले।

  12. पहाड़ जितना ऊँचा बनो, लेकिन झुकना ना भूलो – जैसे वो बादलों को भी सिर झुका कर गले लगाते हैं।

  13. फूलों से सीखो – खिलना है, कांटे के साथ भी मुस्कराना है।

  14. सुबह की धूप में जितना सुकून है, उतना महंगे कमरे की लाइट में नहीं।

  15. बादल सिर्फ बरसते नहीं, कभी-कभी आंखों से ज़्यादा रो देते हैं।

  16. खेतों की हरियाली देख कर जो सुकून मिलता है, वो मोबाइल की स्क्रीन से नहीं आता।

  17. सूरज हर रोज़ उगता है… जैसे कहता हो – चल फिर से शुरू करते हैं।

  18. रात की चाँदनी अकेलेपन की दवा है – बिना बोले सब कह देती है।

  19. जब मन थक जाए, तो बस कुछ पल पेड़ के नीचे बैठ जाओ – ये डॉक्टर से बेहतर इलाज है।

  20. मिट्टी से जो रिश्ता है ना, वो सोने से नहीं बदला जा सकता।

  21. हर पत्ता जब गिरता है, तो कुछ सिखा कर जाता है – कुछ खोकर भी मुस्कराना।

  22. जाड़े की सुबह में सूरज की गरमी – जैसे माँ की रजाई।

  23. तितलियाँ उड़ती नहीं… सपनों को रंग देती हैं।

  24. एक पेड़ लगाओ, तो समझो किसी बच्चे को ज़िन्दगी दे दी।

  25. समुंदर की लहरें बताती हैं – शांत दिखने वाले दिल भी बहुत कुछ कह सकते हैं।

  26. अगर ध्यान से देखो, तो पेड़ की हर शाखा एक कहानी कहती है।

  27. जब भी मन उलझ जाए, खेतों में चले जाओ – हवा उलझनों को धीरे-धीरे सुलझा देगी।

  28. जो लोग प्रकृति से प्यार करते हैं, वो कभी अकेले नहीं रहते।

  29. गाँव की गलियों में बहती हवा में बचपन की यादें बसती हैं।

  30. अगर जन्नत कहीं है, तो वो पहाड़ों में नहीं… एक पेड़ की छांव में है।

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