प्रकृति की गोद में: दिल से निकली 30 सच्ची बातें |
![]() |
inspiremantra |
-
सुबह-सुबह खेतों में ओस की बूँदें देखी हैं? लगता है जैसे धरती माँ ने अपने बच्चों को प्यार से जगाया हो।
-
पेड़ कोई शिकायत नहीं करते, बस हर मौसम में तुम्हारे साथ खड़े रहते हैं। क्या इंसान ऐसा कर पाते हैं?
-
बारिश की पहली बूंद जब मिट्टी को छूती है, तब खुशबू नहीं आती... माँ की याद आती है।
-
हवा का वो झोंका जो गर्मी में चेहरे को छू जाए, वो किसी महबूब के हाथ से कम नहीं लगता।
-
शाम के वक्त जब सूरज पहाड़ों के पीछे छिपता है, ऐसा लगता है जैसे कोई थका पिता घर लौट रहा हो।
-
नदी बहती रहती है – कोई रोक नहीं पाता, जैसे मां की ममता… जो बस बहती रहती है।
-
गांव की वो कच्ची सड़कें, जहां पेड़ छांव देते हैं – वो शहरी एसी से लाख गुना सुकून देती हैं।
-
चिड़ियों की चहचहाहट... सुबह की आरती जैसी लगती है – बिना घंटी, बिना पूजा।
-
अगर दिल बहुत भारी लगे, तो किसी पुराने पेड़ के नीचे बैठ के देखो… वो तुम्हारे दुख चुपचाप पी जाएगा।
-
झरनों की आवाज़ में सुकून है – जैसे दादी कोई कहानी सुना रही हो।
-
धरती अगर माँ है, तो पेड़ उसके आंचल के कोने हैं – छांव वाले।
-
पहाड़ जितना ऊँचा बनो, लेकिन झुकना ना भूलो – जैसे वो बादलों को भी सिर झुका कर गले लगाते हैं।
-
फूलों से सीखो – खिलना है, कांटे के साथ भी मुस्कराना है।
-
सुबह की धूप में जितना सुकून है, उतना महंगे कमरे की लाइट में नहीं।
-
बादल सिर्फ बरसते नहीं, कभी-कभी आंखों से ज़्यादा रो देते हैं।
-
खेतों की हरियाली देख कर जो सुकून मिलता है, वो मोबाइल की स्क्रीन से नहीं आता।
-
सूरज हर रोज़ उगता है… जैसे कहता हो – चल फिर से शुरू करते हैं।
-
रात की चाँदनी अकेलेपन की दवा है – बिना बोले सब कह देती है।
-
जब मन थक जाए, तो बस कुछ पल पेड़ के नीचे बैठ जाओ – ये डॉक्टर से बेहतर इलाज है।
-
मिट्टी से जो रिश्ता है ना, वो सोने से नहीं बदला जा सकता।
-
हर पत्ता जब गिरता है, तो कुछ सिखा कर जाता है – कुछ खोकर भी मुस्कराना।
-
जाड़े की सुबह में सूरज की गरमी – जैसे माँ की रजाई।
-
तितलियाँ उड़ती नहीं… सपनों को रंग देती हैं।
-
एक पेड़ लगाओ, तो समझो किसी बच्चे को ज़िन्दगी दे दी।
-
समुंदर की लहरें बताती हैं – शांत दिखने वाले दिल भी बहुत कुछ कह सकते हैं।
-
अगर ध्यान से देखो, तो पेड़ की हर शाखा एक कहानी कहती है।
-
जब भी मन उलझ जाए, खेतों में चले जाओ – हवा उलझनों को धीरे-धीरे सुलझा देगी।
-
जो लोग प्रकृति से प्यार करते हैं, वो कभी अकेले नहीं रहते।
-
गाँव की गलियों में बहती हवा में बचपन की यादें बसती हैं।
-
अगर जन्नत कहीं है, तो वो पहाड़ों में नहीं… एक पेड़ की छांव में है।
Post a Comment