- रिश्ते खून से नहीं, समझ से बनते हैं।
- वक़्त देने से रिश्ते गहरे होते हैं, बहाने देने से नहीं।
- जहाँ अहम ना हो, वहीं रिश्ते टिकते हैं।
- रिश्ते भी पौधे जैसे हैं, ध्यान दो तो ही फलते हैं।
- हर रिश्ता खास नहीं होता, लेकिन निभाया जाए तो खास बन जाता है।
- रिश्ते निभाना है तो "ईगो" को मारना होगा।
- जिन्हें आपकी फिक्र होती है, वो खुद ही महसूस करवा देते हैं।
- खामोशी में भी रिश्ते ज़िंदा रहते हैं, बस दिल सच्चा होना चाहिए।
- रिश्ते वही अच्छे होते हैं जो मजबूरी में नहीं, समझदारी में निभाए जाते हैं।
- मतलबी नहीं, मतलब समझने वाले रिश्ते चाहिए।
- सच्चे रिश्ते आवाज़ नहीं करते, पर असर गहरा छोड़ जाते हैं।
- दिल से बने रिश्ते ही ज़िन्दगी की सबसे बड़ी पूँजी हैं।
- जिन्हें रिश्तों की कदर होती है, वो कभी जुबान से नहीं, दिल से निभाते हैं।
- समझदार रिश्ते शिकायत नहीं, संवाद करते हैं।
- रिश्तों में दूरियाँ तब आती हैं, जब बातें कम और गुमान ज़्यादा हो।
- रिश्ते समय नहीं, सच्चाई माँगते हैं।
- वक़्त सब कुछ दिखा देता है — कौन रिश्ता निभा रहा था, और कौन सिर्फ दिखा रहा था।
- बोलना ज़रूरी नहीं होता, कुछ रिश्ते खामोशी में भी जिंदा रहते हैं।
- झगड़े उन्हीं से होते हैं जिनसे रिश्ते सच्चे होते हैं।
- रिश्ता वही जो हर हाल में साथ दे, बाकी तो नाम के नाते हैं।
- सच्चे रिश्ते वही हैं जो आपको बदलने नहीं, समझने की कोशिश करते हैं।
- जिसे निभाना ना आये, उसे रिश्ता शुरू भी नहीं करना चाहिए।
- हर रिश्ता जवाब नहीं, कभी-कभी थोड़ा सा इंतज़ार भी मांगता है।
- अहम छोड़ दो, रिश्ते खुद जुड़ने लगते हैं।
- रिश्ते तस्वीर नहीं जो फ्रेम में बंद कर दो, ये एहसास हैं जो दिल में बसते हैं।
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