राहत इन्दौरी की शायरी – दिल को छू जाने वाले बेहतरीन शेरों का संग्रह

  1. "बुलाती है मगर जाने का नहीं,ये दुनिया है इधर जाने का नहीं…"
  2. "सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में,किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है।"
  3. "लहू छलकता है आंखों से रोने देते हो,तुम्हीं तो कहते थे सब्र करो, सो करने देते हो…"
  4. "अगर खिलाफ हैं होने दो, जान थोड़ी है,ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है।"
  5. "मैं मर जाऊँ तो मेरी अलग पहचान लिख देना,लहू से मेरी पेशानी पर 'हिन्दुस्तान' लिख देना।"
  6. "अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिलें,जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें।"
  7. "जो आज साहिब-ए-मसनद हैं कल नहीं होंगे,किराएदार हैं जाती मकान थोड़ी है।"
  8. "कभी-कभी यूँ भी हम ने अपने जी को बहलाया है,जिन चीज़ों को पाया नहीं, उनको भी अपनाया है।"
  9. "बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर,जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएं।"
  10. "हमसे पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।"
  11. "कुछ तो तासीर होगी इन आँखों की, वरना लोग खुद को उन आँखों में क्यों देखना चाहते हैं।"
  12. "तेरा ही आजकल देखा मैंने ख्वाब, और फिर तुझे याद किया मैंने रात भर।"
  13. "मुझे मेरे हालात पर कोई शिकवा नहीं, मैं तो बस अपनी राहों से खुश हूँ।"
  14. "हवाओं का क्या है, वो तो पल भर में रुख बदल सकती हैं, लेकिन हमारी तो पूरी जिन्दगी ही बदल चुकी है।"
  15. "हम तो समझते थे कि कागज की नाव, सागर की लहरों से नहीं डूब सकती, पर इश्क ने हमें ये भी सिखा दिया।"
  16. "कोई पूछे तो कह देना, मुझे तन्हाइयों से प्यार है, ये दुनिया तो बस खुद को दिखाने का तरीका है।"
  17. "चाहे लाख कोशिश कर लो, अगर दिल में प्यार है, तो आंखों में नमी जरूर होगी।"
  18. "दर्द दिलों में हो तो किसी से कहना नहीं, छुपा लेना चाहिये उसे कुछ इस तरह से, जैसे बिना सांस लिए किसी को जीना नहीं।"
  19. "चली आ रही हैं हवाएँ भी उस ओर, जहाँ हर आंधी एक रास्ता बनाती है।"
  20. "ज़िंदगी कुछ नहीं, एक लम्हा है जो ग़ुज़र जाता है, और हम हर लम्हे को कभी ज़रूरी समझते हैं, कभी ख्वाब।"
  21. "मुट्ठी में छुपा था मेरा वक्त, और मैं समझता था वक्त मेरे हाथ में है।"
  22. "मेरा दिल चाहता है कि तुमसे कुछ बात करूं, और तुम मेरा नाम ले लो, ये ख्वाब सा लगे।"
  23. "तुम्हें चाहा था इश्क की तरह, अब तुमसे दूर जाऊं तो भी दूर नहीं हो पाता।"
  24. "हम खाक से उठे थे, खाक में मिल गए, वक्त कहे तो फिर से उठकर आसमान छू लेंगे।"
  25. "कितनी बार चाहा है कि मैं खुद को समझाऊं, और फिर महसूस होता है कि मैं खुद से ही दूर हूं।"
  26. "कभी हंसते हैं तो कभी रोते हैं, कुछ भी हो, अपना दर्द हमारे पास होता है।"
  27. "जब भी बुरा वक्त आता है, समझ लेना तुम्हारे बाद और अच्छा वक्त आने वाला है।"
  28. "दुआ कीजिए कि हम और हमारी तन्हाइयाँ कभी एक न हों, यही हमारी सबसे बड़ी ख्वाहिश है।"
  29. "कभी हम अजनबी थे, अब पहचान बन गए, वक्त का तकाज़ा ऐसा था कि हम खुद से बदल गए।"
  30. "तुमसे मिलकर ये अहसास हुआ है, जो खो चुका था, वही वापस पा लिया है।"

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.